Jainism, जैन धर्म से ले प्रोफेशनल लाईफ ;

 
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Jainism, जैन धर्म से ले प्रोफेशनल लाईफ के सबक, new 2022 :-

🔸जैन धर्म क्यों इतना खास?

विश्व में सभी धर्म कुछ न कुछ जगत के जीवों से कहते हैं, बस उनके मार्ग का अनुसरण हम अपनी बुद्धि के अनुसार कर सकते हैं, क्या सत्य है और क्या सत्य नही है इसका परीक्षण हम स्वयं से कर सकते हैं, बस जरूरत है एक उज्ज्वल पक्ष की और एक सही सोच की । 

इसी के साथ हम आपको परिचय कराते हैं वि विश्व के सबसे प्राचीन धर्म से जो किसी व्यक्ति विशेष का नही है, जो भी इसके बताए मार्ग पर चलता है वो व्यक्ति इस धर्म में स्वत: सामिल हो जाता है।

जैन धर्म क्या है?

विश्व शांति और सभी स्वतंत्र है, सभी अपना कल्याण कर सकते हैं, ऐसी भावना जहां से मिले वो जैन धर्म है।


जैन क्या होता है, जैन कौन है ? सबसे पहले यह स्पष्ट करना आवश्यक है।

जो जिन का भक्त या उनके बताए हुए मार्ग पर चलता है वो जैन है। इससे एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि जैन किसी एक व्यक्ति का नही है, कोई भी इसे किसी की भी अनुमति के बिना ग्रहण कर सकता है बस शर्त इतनी है वो सच्चे मार्ग का अनुसरण करने वाला हो।

जैन धर्म की कुछ ऐसी विशेषताएं जो लोक व्यवहार में आपका जीवन परिवर्तित कर सकती है ।


🔸समतावादी–

जैन धर्म सभी को समान आंकता है, जहां कोई भी छोटा बड़ा नही है, जैसे भगवान महावीर ने अपनी आत्मा को जानकर मोक्ष प्राप्ति की वैसे ही हम सभी अपना कल्याण करने में समर्थ हैं। 

इससे हम अपनी जीवन शैली भी जोड़े तो ये धर्म कहता है, आपका जीवन सदैव शुद्ध, सात्विक होना चाहिए। यदि जीवन ही शुद्ध नही तो जीव शुद्ध कैसे हो सकता है।


🔸लॉजिकल–

विश्व पटल पर सभी साइंस को लॉजिक से देखते हैं और सभी लॉजिक से ही देखना पसन्द करते हैं वो इसलिए क्योंकि इससे हमारी श्रद्धा मजबूत होती है।

वही जैन धर्म कहता है, आप हमेशा परीक्षा करके ही किसी धर्म विशेष में प्रवेश करें, किसी भी अंध विश्वास में आकार अपना जीवन निष्फल न करें।

सत्य है बस खोजना बांकी है, वैसे ही सही मार्ग है बस आपको लॉजिक से जो सही हो वही ग्रहण करना है।


🔸विश्वशांति–

अहिंसा का मूल सिद्धांत लेकर चलने वाला धर्म जिसके यहां सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक चरित्र को तीन रत्न कहा गया है। जहां सिर्फ काया में ही अहिंसा नही है, जहां मन,  वचन में भी अहिंसा निकलती है।

जहां सभी जीवों को समान देखकर सभी पर करुणा की जाती है, अरे भाई करुणा क्या करोगे आप अहिंसा से खुद को पाप से बचा लोगे अगर अहिंसा जीवन में न हो तो आप हिंसा से पाप में स्वयं को पूर्ण समर्पित कर दोगे, जिसका परिणाम नरक निगोद है।


🔸अनेकांत वाद–

किसी भी वस्तु का मात्र एक कथन नही होता वह कई प्रकार से कही जाती है, इसलिए इसमें लड़ना नहीं है, बस वस्तु को समझकर उसके सभी कोणों को समझना है, तभी हम एकांत से हटकर अनेकांत को देख पाएंगे इसलिए अनेकांत वाद जैन धर्म में सभी झगड़ों को नाश करने वाला है, और वस्तु का सही निरूपण भी करता है।

कविता:–👇

🔸मैं जैनी हूं ये कम है क्या?




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