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आखिर क्यों गिराया गया ट्विन टावर?Twin towers of Noida? height of twin tower, 28 August 2022.

 

आखिर क्यों गिराया गया ट्विन टावर?Twin towers of Noida? height of twin tower, 28 August 2022. 


                    Twin towers of Noida

Noida की धरती पर आकाश को ताकती हुई, सीना ताने ट्विन टावर ईमारत को क्यों गिरा दिया गया? ट्विन टॉवर को कैसे गिराया गया? ट्विन टॉवर को गिराने के पीछे कारण? इन सभी सवालों का जवाब इस लेख में आपको पढ़ने को मिलेगा।

Twin towers of Noida, एक बहुत बड़े आकार को लिए हुए बहुत बडी ईमारत थी, जिसे महज चंद सेकंड्स में ही गिरा दिया गया।

पत्रकारों और अधिकारियों का ये भी कहना है कि अभी तक भारत में सबसे बडी ईमारत को ऐसे गिराया गया है।



🔸twin towers के बारे में कुछ ख़ास बातें, 

जिसे आप इस लेख में जानने वाले हैं:–


Twin tower के मलबे से कमाई?

कितने मंजिला था ट्विन टॉवर? 

ट्विन टॉवर कुतुबमीनार से भी ऊंची ईमारत:

ट्विन टॉवर को क्यो गिरा दिया गया?

ट्विन टॉवर बनाने में कितना खर्च हुआ था?

ट्विन टॉवर को कैसे गिराया गया?

ट्विन टॉवर को गिराने में कितना खर्च हुआ?


🔸ट्विन टॉवर कुतुबमीनार से भी ऊंची ईमारत:


ये वही बड़ी ईमारत है जो कुतुबमीनार से भी ऊंची थी, लेकिन कुछ ही पलों में धरासाही हो गई, इसे गिराने में 15 सेकंड से भी कम समय लगा जिसे लोगों ने अपनी आंखों से प्रत्यक्ष भी देखा।

कोई अनुमान भी नही लगा सकता था कि इतनी बडी ईमारत कुछ ही पलों में खाक हो जायेगी। 

अब ट्विन टॉवर पन्नो में ही दिखेगा, हकीकत में नहीं रहा।


🔸कितने मंजिला था ट्विन टॉवर? 


ये ट्विन टॉवर धरती से कुल 103 मीटर ऊंचाई वाला था, जिसको बडी मुश्किलों के साथ बनाया गया था, इसको बनाने के लिए कई बार इसके पूर्व आकार से इजाफा किया गया।

पहले इसकी सिर्फ 9 मंजिला तक अनुमति मिली, लेकिन इल्लीगल तरीके से इसने 32 मंजिला तक इसे आकाश का चुम्बन कराते हुए खडा किया गया, इसकी Permission देने वाले अफसर भी इसके साथ मिलकर फ्रॉड में पकड़े गए क्योंकि इसे बनाने की इल्लीगल Permission अफसरों के द्वारा दी गई थी।

लेकिन कोर्ट ने इसे आज रौंद दिया।


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🔸ट्विन टॉवर को क्यों गिरा दिया गया?


इसका दायरा सरकारी आंकड़ों के अनुसार अधिक था, इसे गलत तरीके से बनाया गया था, सरकार की आंखो ने धूल देकर इसे खड़ा तो कर दिया गया लेकिन जब लोगों को वो सुविधाएं नहीं मिली जिसके नाम से इसे बैंचा गया था और आस पास के लोगों को हुई असुविधा के कारण यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया लेकिन कुछ ख़ास नहीं हुआ, फिर ये इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुपरटेक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। और सुप्रीम कोर्ट में सात साल चली लड़ाई

ने निष्कर्ष दिया और इसे गिराने की 31 अगस्त 2021 तारिक को पक्का किया गया, लेकिन कुछ कारण बस ये 

बढ़ाकर 22 मई 2022 कर दिया गया।

लेकिन तब तक तैयारी पूरी नहीं हो पाने के कारण इसे अर्थात ट्विन टॉवर को 28 अगस्त 2022 को गिरा दिया गया।


🔸ट्विन टॉवर बनाने में कितना खर्च हुआ था?
🔸ट्विन टॉवर को कैसे गिराया गया?
🔸ट्विन टॉवर को गिराने में कितना खर्च हुआ?


Twin towers of Noida को बनाने में 200 करोड़ रूपए के भी करीब खर्चा किया गया था, और धराशाही करने में भी करोड़ों का खर्चा आया।

ट्विन टॉवर को गिराने में 3700 किलो बारूद का इस्तेमाल किया गया था। जिसकी कीमत 20 करोड़ से भी अधिक थी। जिसकी कुछ अलग तरीके से भरपाई की जायेगी।


🔸ट्विन टॉवर के मलबे को बैंचकर कितने की होगी कमाई?


सराकरी आंकड़ों के अनुसार इसे गिराने में करीब 20 करोड़ रूपए के आस पास खर्चा आया है, लेकिन इस खर्चे को कौन देगा?

कंपनी या सरकार?

इसके लिए Noida के cio ने कहा है कि इस खर्चा को कंपनी अपनी तरफ से ही भरेगी। लेकिन खास बात इसमें ये भी है की मात्र कंपनी को 5 करोड़ रूपए ही देने पड़ेंगे बांकी के 15 करोड़ रूपए की कमाई इस ईमारत के मलबे से की जायेगी, इसके बारे में एक बात ये भी जानने योग्य है कि इस ईमारत के गिरने से करीब 55000 टन मलबा इकट्ठा किया गया है, जिसमें 4000 टन स्टील भी है, जिसे बेंचकर आसानी से 15 करोड़ रूपए कमाए जा सकते हैं।

लेकिन लोगों को इसके गिरने से किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।

इसके आस पास 6 सोसाइटी है, और 3000 से अधिक फ्लैट हैं, जिसे पहले ही खाली करवा लिया गया था, अब सब नॉर्मल है।

इसे पढ़ने के लिए धन्यवाद ।

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