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महाराणा प्रताप: MAHARANA PRATAP

 महाराणा प्रताप आखिर में इसलिए महान थे, अकबर भी जिनके सामने आने से कतराता था। 2022

महाराणा प्रताप का घोड़ा कैसा था? Abhishek Kumar jain अभिषेक कुमार जैन महाराणा प्रताप का घोड़ा का क्या नाम था? अकबर महाराणा प्रताप के सामने टिक पाया या नही? महाराणा प्रताप का साहस? महाराणा प्रताप की तलवार? राजस्थान की शान महाराणा प्रताप?
महाराणा प्रताप: MAHARANA PRATAP


महाराणा प्रताप का अकबर से युद्ध के समय का वर्णन इस कविता में उकेरा गया है, जिसे इस महान व्यक्ति का व्यक्तित्व महानता का परिचय देता है।

आप सभी इस धरती के वीर योद्धाओं को जानते होंगे लेकिन भारत की धरती पर अंकुरित हुआ, जहां पला बड़ा और जिस धरती पर पैदा होकर उस मिट्टी के किए मर मिटने के लिए तैयार था, जिसे अपनी जान मिट्टी के एक टुकड़े से भी ज्यादा कीमती नहीं लगी, जिसकी क्षमता, शोर्य और वीरता की कहानी बच्चा – बच्चा अपनी जुबान पर रखता है, वो कोई और नहीं वो हमारे राजस्थान के वीर सपूत महाराणा प्रताप ही थे।

जिनका शोर्य इतना की मुगल शासन को दांतो तले पसीना छुटा दिया, जिसकी तलवार इतनी तेज की सैनिक सहित घोड़ा भी दो टुकड़ों में जुदा हो जाए तो बताइए उस सपूत को कौन नहीं अपना आर्दश कहेगा? इस वतन के सभी लोग उसे अपने आदर्श मानते हैं।


महत्वपूर्ण बिंदू:–


हल्दी घाटी में कौन जीता?

महाराणा प्रताप का घोड़ा कैसा था?

महाराणा प्रताप का घोड़ा का क्या नाम था?

अकबर महाराणा प्रताप के सामने टिक पाया या नही?

महाराणा प्रताप का साहस?

महाराणा प्रताप की तलवार?

राजस्थान की शान महाराणा प्रताप?


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कविता का शब्द–शब्द महाराणा प्रताप के शोर्य की गाथा गाता है।


भारत माता का लाल धरा का ,

अभिमानी स्वाभिमानी।

मैं कहता वीर कथा जिनकी, 

वो थे प्रताप राजस्थानी।।


थे दृढ प्रतिज्ञ साहस अपार, 

रक्षक पालक न्यायी राजा।

जिनकी संताने हमे कहो,  

है गर्व हमे वे थे राजा।।


अकबर की नजर मेवाड़ पे थी, 

बस यही बचा था इक स्वतंत्र।

पर उस सपूत को इक क्षण भी,

रहना स्वीकार ना था परतंत्र।।


संग्राम भले  अब छिड़ जाए, 

मेवाड़ नहीं जाने देंगे।

वो थे प्रताप भाला था साथ, 

अकबर से भी लड़ जायेगें।।


चेतक भी पवन से तेज वहा, 

शत्रु भी कांप गए रण में।

तलवार चमकती गुजर गई, 

बिखरे तब शीश कई रण में।।


भारत का वीर प्रताप देख, 

थिर थिर कापें गीदड़ मन में। 

अकबर प्रताप का शोर्य देख, 

वो पहली बार डरा रण में।।


ना रण जीता ना स्वाभिमान, 

अकबर की सेना भाग खड़ी।

मेवाड़ पुत्र वो विजयी हुआ, 

भारत की शान बनाए रखी।।


ये थे प्रताप सच्चे सपूत,

 जिनकी गाथा जीवंत रहे।

हम है प्रताप के अनुयायी, 

भारत ये मेरा अमर रहे।।


अभिषेक कुमार जैन

🙏🏻 धन्यवाद।




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