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Adipurush पर बवाल, कोर्ट तक पहुंचा सवाल।

 
adipurush teaser 2022

आदिपुरूष पर बवाल, कोर्ट तक पहुंचा सवाल।

आदिपुरुष ट्रीजर का बुरा हाल।


आपने ट्रीजर का दीदार तो कर ही लिया होगा, और उसे देखने के बाद कुछ सवाल भी आपके मन में उठे होंगे जिसके जवाब यहां है। 

भाई जिसे सभी हृदय के ऊपर वाले हिस्से में समेटकर रखते हैं ऐसी रामायण का विरोध आख़िर क्यों, हिंदू ऐसा करे तो गले नही उतरता पर रामायण की दर्शाती आदिपुरुष मूवी का वॉयकोट क्यों किया जा रहा है , इसका सीधा सा जवाब है, पेश किए गए राम, सीता और रावण आदि की भेष भूषा और शरीर की बनावट और श्रृंगार जिसे देखकर लगता ही नहीं ये राम हैं या कोई और, साथ ही सेफ बाबा तो गली बॉय के हीरो लग रहे है, रावण नहीं और हनुमान जी को मौलाना जी की पोशाक भेंट की गई तो वबाल तो बनना ही था, इसके लिए लोगो में आक्रोश भी है और पेश किए गए चल चित्रों का बहिष्कार भी है।

दिल्ली के हाई कोर्ट में एक व्यक्ति ने इस आदिपुरुष मूवी को रोकने की अपील की है और केश भी लगाया है। आदिपुरुष को बहिष्कार इस ट्रीजर के लिए काफी नुकसान दायक रहा।

इसके लिए लोगों ने रामायण से कई प्रमाणों को सामने रखा और पेश करने की कौशिश की राम, रावण आदि सभी की सही भेषभूषा की और श्रृंगार की ।

जमाना बदला है पर वर्तमान के साथ साथ अतीत की बातें वर्तमान के अनुसार बदलकर पेश नही की जा सकती, तथ्य न बदलकर भाषा बदल दी जाती है, पर यहां तथ्य के साथ छेड़ छाड़ हुई है तो विवाद जायज है।

आगे निर्णय जनता के हाथों में....


साथ ही रामायण के कुछ किरदार जानने योग्य हैं।

वाल्मीकि रामायण में अन्य किरदार इस प्रकार हैं।


सीता जी का स्वरूप :–


काले केश, कजरारे नेत्र, पतली कमर और कसे शरीर वाली सुंदरी सीता को देखने के लिए रावण उनके पास आ गया।

 (सुंदरकांड, 18वां सर्ग, 32वां श्लोक )


हनुमान जी का स्वरूप :–


विद्युत पुंज की तरह ललाई लिए भूरा रंग, सफेद कपड़े पहने हनुमान पर सीता जी की दृष्टि पड़ी। उन्होंने देखा कि अरुण कांति से प्रकाशित एक विनीत और प्रियवादी वानर डालियों के बीच बैठा है। उसके नेत्र तपाए हुए सोने की तरह चमक रहे हैं।

 (सुंदरकांड, 32वां सर्ग, श्लोक 1-2)


पुष्पक विमान कैसा था? :–


पुष्पक विमान को विश्वकर्मा ने स्वयं बहुत सुंदर बनाया था। वह आकाश में चलने के लिए प्रसिद्ध था। उसका कोई ऐसा भाग न था, जो मूल्यवान रत्नों से न बना हो। इसमें बहुत सी बैठकें विशेष रूप से बनाई गई थीं। इसकी चाल वायु की तरह तेज थी । 

(सुंदरकांड, 8वां सर्ग)


मंदोदरी कौन थी, कैसी थी? :–


उसका रंग गोरा और शरीर की कांति सोने जैसी थी। मणियों और मोतियों से जड़े भूषणों को पहने वह स्त्री अपने सौंदर्य से रावण के महल को अलंकृत कर रही थी। (सुंदरकांड, 10वां सर्ग


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